安裝中文字典英文字典辭典工具!
安裝中文字典英文字典辭典工具!
|
- मेवाड़ चित्रशैली की विषय-वस्तु तथा विशेषतायें - IndianArtHistory
इसके अतिरिक्त मेवाड़ क्षेत्र आदि मानव की क्रीड़ा स्थली भी रहा है। रायकृष्ण दास के अनुसार मेवाड़ में ही सर्वप्रथम 15 वीं शताब्दी में राजस्थानी कला का उद्गम हुआ। वैसे तो मेवाड़ के सभी स्थानों पर कला रचना हुई परन्तु मुख्य रूप से जो स्थान प्रसिद्ध हुए उनमें आहड़, चित्तौड़, चावण्ड तथा उदयपुर हैं।
- मारवाड़ शैली: राजस्थानी कला और वास्तुकला की समृद्ध धरोहर
“मारवाड़ शैली” राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है। इस शैली का मुख्य रूप से वास्तुकला, चित्रकला, और शिल्प में प्रमुख योगदान रहा है। मारवाड़ शैली राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में विकसित हुई, जिसमें जोधपुर, जैसलमेर, और बाड़मेर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। यह शैली राजस्थान की शाही परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है। रा
- मेवाड़ स्कूल ऑफ पेंटिंग्स | राजस्थान की चित्र शैली | मेवाड़ शैली - Rajgyan
मेवाड़ शैली में कलिला और दमना नाम से चित्र चित्रित किए गए थे। यह चित्र शैली राजस्थानी चित्रकला का प्रारंभिक और मौलिक रूप है।
- मेवाड़ चित्रकला शैली - MYRPSC
मेवाड़ चित्रकला शैली में उदयपुर शैली, नाथद्वारा शैली, चावण्ड शैली, देवगढ़ शैली, शाहपुरा शैली मुख्यत: शामिल की जाती हैं। राजस्थानी चित्रकला की मूल शैली है। शैली का प्रारम्भिक विकास कुम्भा के काल में हुआ। इस समय नसीरुद्दीन ने ढोला मारु का चित्र बनाया था। इसी समय बारहमासा का चित्रण किया गया। सन 1260-61 ई
- राजस्थानी चित्र शैली - राज आरएएस
मेवाड़ शैली :- चावंड उदयपुर,नाथद्वारा ,देवगढ़ आदि। मारवाड़ शैली :- जोधपुर ,बीकानेर ,किशनगढ़, अजमेर, नागौर ,जैसलमेर आदि।
- राजस्थानी चित्रकला ( मेवाड़ शैली चित्र सहित वर्णन )
मेवाड़ शैली में प्रमुखता पीले रंग व कदम्ब के वृक्ष का महत्व है; राणा अमर सिंह प्रथम का काल मेवाड़ शैली का स्वर्ण युग माना जाता है
- राजस्थान की चित्रकला: प्रमुख चित्र शैलियाँ व प्रसिद्ध चित्रकार
मेवाड़ चित्र शैली की विशेषता नीला आकाश, मछलीनुमा आँखे, बारहमासा, कदंब पृक्ष, कोयल व सारस पक्षी, चकोर पक्षी का चित्रण हुआ।
- राजस्थान की प्रमुख चित्रशैलियाँ
राजस्थान की प्रमुख चित्रशैलियाँ मुख्यतः राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के कुछ शाही क्षेत्रों में फैली है जिसमें मारवाड़, मेवाड़, शेखावाटी, मालवा, ढूंढाड़ आदि क्षेत्र शामिल है। राजस्थानी चित्रशैली का विकास 16 वीं शताब्दी से 19 वीं शताब्दी के मध्य हुआ। 1916 में आनंद कुमार स्वामी ने अपनी पुस्तक “राजपूत पेंटिंग” में इस चित्रकला का वैज्ञानिक विभाजन किया तथा इ
|
|
|