त्रिभाषा सूत्र - विकिपीडिया त्रिभाषा सूत्र (Three-language formula) भारत में भाषा- शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। यह सूत्र (नीति) सन् १९६८ में स्वीकार किया गया।
त्रि-भाषा सूत्र : महत्त्व और चुनौतियाँ - Drishti IAS राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्रस्तावित ‘त्रि-भाषा सूत्र’ को तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों ने खारिज कर दिया है और यह आरोप लगाया है कि ‘त्रि-भाषा सूत्र’ के माध्यम से सरकार शिक्षा का संस्कृतिकरण करने का प्रयास कर रही है। हिंदी भाषा की बाध्यता के विरुद्ध कई दशक पूर्व हुए शक्तिशाली आन्दोलन के बाद तमिलनाडु में द्विभाषा नीति (Two-language
भारत में त्रिभाषा सूत्र (Three language formula in India) त्रिभाषा सूत्र की क्या प्रगति हुई है? तमिलनाडु ने ऐतिहासिक रूप से हिंदी भाषा का विरोध क्यों किया है? भाषाई राजनीति का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा है? एनईपी 2020 त्रिभाषा फॉर्मूला के बारे में क्या कहता है?
त्रिभाषा सूत्र क्या है(Three-language Formula)- आवश्यकता, विशेषताएं . . . राष्ट्रीय की आवश्यकताओं तथा संविधान के आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई जाने वाली समस्याओं पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद (CABE) ने सन् 1956 में विचार-विमर्श करके त्रिभाषा सूत्र प्रस्तुत किया केंद्र शिक्षा सलाहकार परिषद द्वारा प्रस्तुति भाषा सूचना पर सन् 1967 में इसके सरलीकृत रूप को स्वीकृति प्रदान की गई
त्रिभाषा सूत्र ( Three Language Formula ) - Dr. Charans Competition . . . भारतीय शिक्षा व्यवस्था में त्रिभाषा सूत्र (Three-Language Formula) एक नीति है जिसका उद्देश्य देश की भाषाई विविधता को संरक्षित करते हुए राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और छात्रों को बहुभाषी बनाने में मदद करना है। इसे पहली बार 1968 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Policy on Education) में औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया गया था, जो कोठारी आयोग (196
[Solved] त्रिभाषा सूत्र क्या है? भारत में सामुदायिक विकास के भौतिक या मूल उद्देश्य हैं: Q6 सामुदायिक विकास प्रक्रिया का पहला चरण है : Q7 समुदाय विकास खंड में प्रत्येक परियोजना क्षेत्र में 100 गाँव तथा 60,000 से 70,000 ________ की जनसंख्या शामिल थी: Q8 समुदाय विकास खंड ________ में आरम्भ किये गये थे : Q9
Tribhasha Sutra: जानें त्रिभाषा सूत्र किसे कहते हैं? नई शिक्षा नीति . . . त्रिभाषा सूत्र को राष्ट्रीय शिक्षा आयोग (कोठारी आयोग) ने वर्ष 1968 की नीति में उल्लिखित किया था जो इस प्रकार है है:- (1) पहली भाषा- अध्ययन की जाने वाली पहली भाषा मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा। (2) दूसरी भाषा – हिन्दी भाषी राज्य- कोई अन्य आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी गैर-हिंदी भाषी राज्य- हिंदी या अंग्रेजी होगी
त्रिभाषा सूत्र | Three Language Formula B. Ed Notes by Sarkari Diary देश की आवश्यकताओं के सन्दर्भ में त्रिभाषा का सूत्र का सर्वप्रथम प्रतिपादन सन् 1956 ‘केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (Central Advisory Board of Education) ने अपनी 23वीं बैठक में किया। उसने सरकार के अनुमोदन हेतु निम्नलिखित दो सूत्रों का निर्माण किया- प्रथम सूत्र- द्वितीय सूत्र –
त्रिभाषा सूत्र क्या है? एक संक्षिप्त विश्लेषण | What is Three-Language . . . त्रि-भाषा सूत्र ने समूह की पहचान को समायोजित करने, राष्ट्रीय एकता की पुष्टि करने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने जैसे तीन कार्यों को पूरा करने की मांग की। 1968 में, तमिलनाडु को छोड़कर, जिसने द्वि-भाषा नीति अपनाई थी, पूरे देश में त्रि-भाषा सूत्र लागू किया गया था।